जहां सोच खत्म होती है वहीं शुरु होती है क्रिएटीविटी

इन्दौर । अपनी क्रिएटिविटी को निखारने के लिए जरुरी है कि उसे करंट अफेयर्स से जोड दिया जाए। इससे क्रिएटीविटी जल्दी ही लोगों की नजरों मे आ जाएगी । जंहा सोच खत्म होती है क्रिएटीविटी वंही से षुरु होती है।

उपरोक्त विचार एरीना गीता भवन द्वारा  आयोजित ‘जूनून; वार्षिक एडमेड क्रिएटिव टैलेंट कॉम्पटिशन में बतौर मुख्य अतिथी आए इंडस्ट्र्रीयल कनेक्ट अलायंस एंड प्लेसमेंट के जनरल मैनेजर श्री ष्ष्यामलदास ने व्यक्त किये।

उन्होने कहा कि क्रिएटीविटी सोच के दायरे से बाहर निकलने पर ही बनती है। छात्रों को चाहिए की वो आउट ऑफ बॉक्स सोचे । क्रिएटीविटी के लिए नियम कायदो की किताब नही है जो बेहतर सोच लिया जाए वही क्रिएटीविटी है। सोच का दायरा बढाने के लिए स्टूडेंट्स करंट अफेयर्स का सहारा लेकर अपने क्रिएटीव बना सकते है जो लोगों को निष्चित रुप से पसंद आएगे ।

कार्यक्रम के आयोजक श्री संजय खिमेसरा ने बताया कि जाल सभागृह में इस ग्रांड फिनाले में चौदह श्रेणियों में छात्रो ने 250 से अधिक क्रिएटिव्स बनाकर प्रतियोगिता में भाग लिया । इन छात्रो के किए गए कामों को प्रोजेक्टर पर दिखाया और उनमे से बेहतर को चुना ।

 स्टूडेंटस ने डिजिटल कवर डिज़ाइन, कॉमिक पेज, मोबाइल वैब साइट डिज़ाइन , 3डी कैरक्टर एनिमेशन सिक्वेन्स, 3डी प्रॉडक्ट पैक शॉट, 3डी एसेट मॉडल, 3डी आर्कीटेक्चरल विजुलाइजेशन, वीएफ़एक्स मैचमुविंग, वीएफ़एक्स कम्पोजिटिंग, विडियो व मोशन ग्राफिक आधारित शॉर्ट फिल्म, 2 डी एनिमेशन शॉर्ट, स्टॉप मोशन एनिमेशन शॉट आदि कैटेगरी में बेहतर काम किया ।

छात्रो ने मंदी की मार , चंद्रयान,  वर्ल्ड कप , क्लाइमेंट चेंज , देष भर में बारिष का कहर  जैसे मुद्दों पर भी अपने क्रिएटीव तैयार किये । इस ग्रांड  फिनाले के लिए ज्युरी सदस्य इंडस्ट्री एक्स्पर्ट्स श्री श्यामल दास स्निग्धा गोपाल , स्वप्निल गायकवाड, नेहा मिश्रा ने विजेताओ को चुनकर पुरस्कृत किया ।  हर श्रेणी की तीन एंट्रीस को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पृधा क्रिएटिव माइंड में नामित भी किया गया है।

प्रारंभ में श्री श्श्यामल दास स्निग्धा गोपाल , स्वप्निल गायकवाड, नेहा मिश्रा ने दीप जलाकर कार्यक्रम का स्वागत किया । अतिथी स्वागत श्री संजय खिमेसरा ने किया । आभार  श्रीमति एकता खिमेसरा ने माना

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